एनएचडीसी द्वारा शुरू किया गया IoT-आधारित हथकरघा उत्पाद अनुरेखण पायलट प्रोजेक्ट भारत के हथकरघा उद्योग को बदलने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और ब्लॉकचेन तकनीकों को एकीकृत करने के लिए शुरू किया गया था, जो डिजिटल प्रोडक्ट पासपोर्ट (DPP) की अवधारणा के अनुरूप है। यह प्रोजेक्ट लद्दाख (यूटी) के लेह, कारगिल, तारुक और जम्मू-कश्मीर के बसोहली में लागू किया गया, जिसमें बुनाई से लेकर डिलीवरी तक हथकरघा आपूर्ति श्रृंखला को डिजिटाइज किया गया ताकि प्रत्येक उत्पाद की यात्रा का पारदर्शी और सत्यापन योग्य रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। 100 IoT उपकरणों और QR टैफेटा टैग्स की तैनाती के माध्यम से, इस पहल ने वास्तविक समय ट्रैकिंग, उत्पाद की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद की। यह प्रोजेक्ट स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाता है, उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाता है, नकली उत्पादों को कम करता है और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
प्रोजेक्ट स्थान: लेह, कारगिल, तारुक (लद्दाख) और बसोहली (जम्मू एवं कश्मीर)।
सिस्टम इंटीग्रेटर: एसएसबी डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड।
डिवाइस डिलीवरी तिथि: 28 मई 2025
कुल डिवाइस: 100 IoT उपकरण
वर्तमान स्थिति: पायलट प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है, सभी 100 डिवाइस चालू हैं। अब 144 से अधिक उत्पाद ब्लॉकचेन और QR टैग्स के माध्यम से ट्रेस किए जा सकते हैं।
कारीगरों को IoT मोबाइल एप्लिकेशन, QR टैग्स और ब्लॉकचेन सिस्टम का उपयोग करने के कौशल से लैस करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए।
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अंतिम समीक्षा और अद्यतन: 15 अगस्त 2025
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